इस हफ्ते शेयर बाजारों की दिशा वैश्विक बाजारों के उतार-चढ़ाव, मैक्रोइकॉनामिक आंकड़ों और विदेशी फंड के रुझान से तय होगी। विश्लेषकों का कहना है कि फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल के शुक्रवार को होने वाले संबोधन के बाद बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। सनद रहे पावेल पहले ही अत्यधिक सख्त रुख का संकेत दे चुके हैं। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक नजरें वैश्विक बाजारों खास तौर पर अमेरिकी बाजार के प्रदर्शन पर भी रहेगी।
दरअसल, मौजूदा वक्त में अमेरिकी केंद्रीय बैंक चार दशक में सबसे उच्चस्तर पर पहुंच चुकी महंगाई को काबू करने पर जोर दे रहा है। इसको लेकर जेरोम पावेल पहले ही कह चुके हैं कि आगामी महीनों में फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में और बड़ी बढ़ोतरी की जा सकती है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजय कुमार का कहना है कि मौद्रिक रुख उम्मीद से अधिक समय तक सख्त रखने की आशंका को लेकर कारोबारियों में चिंता का माहौल है।
इस हफ्ते शेयर बाजारों की दिशा वैश्विक बाजारों के उतार-चढ़ाव, मैक्रोइकॉनामिक आंकड़ों और विदेशी फंड के रुझान से तय होगी। विश्लेषकों का कहना है कि फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पावेल के शुक्रवार को होने वाले संबोधन के बाद बाजार में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। सनद रहे पावेल पहले ही अत्यधिक सख्त रुख का संकेत दे चुके हैं। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक नजरें वैश्विक बाजारों खास तौर पर अमेरिकी बाजार के प्रदर्शन पर भी रहेगी।
दरअसल, मौजूदा वक्त में अमेरिकी केंद्रीय बैंक चार दशक में सबसे उच्चस्तर पर पहुंच चुकी महंगाई को काबू करने पर जोर दे रहा है। इसको लेकर जेरोम पावेल पहले ही कह चुके हैं कि आगामी महीनों में फेडरल रिजर्व ब्याज दरों में और बड़ी बढ़ोतरी की जा सकती है। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार वीके विजय कुमार का कहना है कि मौद्रिक रुख उम्मीद से अधिक समय तक सख्त रखने की आशंका को लेकर कारोबारियों में चिंता का माहौल है।