ठूठीबारी/महराजगंज। भारत-नेपाल सीमा क्षेत्र में मानव तस्करी की रोकथाम को लेकर शुक्रवार को 22वीं वाहिनी एसएसबी बीओपी परिसर, ठूठीबारी में एक महत्वपूर्ण मासिक गोष्ठी आयोजित की गई। इस गोष्ठी का आयोजन पूर्वांचल ग्रामीण सेवा समिति (PGSS), निचलौल के तत्वावधान में किया गया, जिसकी अध्यक्षता एसएसबी की असिस्टेंट कमांडेंट प्रिया यादव ने की।
गोष्ठी का विषय “मानव तस्करी निषेध” रहा, जिसमें भारत और नेपाल के विभिन्न गैर-सरकारी संगठनों (NGOs), सुरक्षा एजेंसियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। कार्यक्रम का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में मानव तस्करी की चुनौतियों और उनके समाधान पर विचार-विमर्श करना था।
असिस्टेंट कमांडेंट प्रिया यादव ने अपने संबोधन में मानव तस्करी को “मानवता पर कलंक” बताते हुए कहा कि यह विश्व स्तर पर एक गंभीर सामाजिक और नैतिक समस्या बन चुकी है। उन्होंने कहा कि तस्कर लड़कियों और महिलाओं को ऊंचे वेतन और झूठे वादों का लालच देकर उन्हें यौन शोषण, बंधुआ मजदूरी और अंग तस्करी जैसे अपराधों में धकेल देते हैं।
उन्होंने कहा कि “मानव तस्करी से निपटने के लिए सीमा पार आपसी सहयोग, सतर्कता और NGOs का सक्रिय योगदान बेहद आवश्यक है।” उन्होंने यह भी बताया कि SSB लगातार इस विषय पर स्थानीय समुदाय को जागरूक करने का कार्य कर रही है।
इस अवसर पर नेपाल पुलिस (इलाका प्रहरी महेशपुर) के इंस्पेक्टर गंगा दत्त बडू, SSB इंस्पेक्टर विशाल कुमार, महिला उपनिरीक्षक खुशबू, सामाजिक कार्यकर्ता साधना, वरुण मिश्रा, मेनका, माधुरी, भूमिका मगर और आशुतोष त्रिपाठी भी उपस्थित रहे।
गोष्ठी के दौरान सिस्टर जगरानी ने मानव तस्करी पीड़ितों के लिए सरकार द्वारा जारी हेल्पलाइन नंबरों और सहायता सेवाओं की जानकारी साझा की, जिससे पीड़ित समय पर मदद प्राप्त कर सकें।
गोष्ठी का समापन सामूहिक संकल्प के साथ किया गया कि सीमा क्षेत्र को मानव तस्करी से मुक्त बनाने के लिए सभी विभाग, एजेंसियां और सामाजिक संगठन मिलकर कार्य करेंगे।
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