बॉर्डर न्यूज़ लाइव (पीलीभीत)
- पूरनपुर कोतवाल सस्पेंड: पीलीभीत पुलिस अधीक्षक ने नर्सिंग छात्रा के अपहरण मामले में समय पर कार्रवाई न करने के कारण पूरनपुर कोतवाल संजीव शुक्ला को सस्पेंड कर दिया।
- पिता का आरोप: छात्रा के पिता का कहना है कि अगर पूरनपुर कोतवाल ने समय पर कदम उठाए होते तो यह घटना टल सकती थी।
- आईजी का हस्तक्षेप: घटना की गंभीरता को देखते हुए आईजी डॉक्टर राकेश सिंह खुद पीलीभीत पहुंचे और उन्होंने परिजनों से मिलकर सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया।
- जांच टीमें गठित: पुलिस अधीक्षक अविनाश पांडे ने मामले की जांच के लिए तीन टीमें बनाई हैं ताकि घटना का जल्द खुलासा हो सके।
- मामले की पृष्ठभूमि: जनपद पीलीभीत के थाना सेहरामऊ उत्तरी क्षेत्र की नर्सिंग छात्रा का अपहरण हुआ था और उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने में भी देरी हुई थी।
संक्षेप में:
पीलीभीत जिले में नर्सिंग छात्रा के अपहरण मामले में पूरनपुर कोतवाल को लापरवाही के कारण सस्पेंड कर दिया गया है। छात्रा के पिता ने कोतवाल पर समय पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए आईजी और पुलिस अधीक्षक ने त्वरित कार्रवाई करते हुए जांच टीमें गठित की हैं।
विस्तृत:
बीते दिनों नर्सिंग की छात्रा सीतापुर लखीमपुर रोड पर बदहवास हालत में मिलने के मामले में पूरनपुर कोतवाल को पुलिस अधीक्षक पीलीभीत ने सस्पेंड कर दिया है। छात्रा के पिता का आरोप है कि अगर पूरनपुर कोतवाल समय रहते आरोपियों पर कार्रवाई करते तो शायद घटना न होती। लेकिन उन्होंने मामले को टाल करके उनको भगा दिया।आईजी ने मामले की गंभीरता को समझते हुए खुद पीलीभीत पहुंचकर छात्रा के परिजनों से मुलाकात की और कार्यवाही का आश्वासन दिया। इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने घटना का खुलासा करने के लिए तीन टीमें बनाई हैं। मामला जनपद पीलीभीत के थाना सेहरामऊ उत्तरी क्षेत्र का है, जहां पर क्षेत्र की ही रहने वाली एक छात्रा का बीते दिनों अपहरण कर लिया गया था।शिकायती प्रार्थना पत्र पूरनपुर कोतवाली में दिया गया था और उसके बाद परिजनों ने सेहरामऊ उत्तरी पुलिस को कार्रवाई के लिए प्रार्थना पत्र दिया था, जिसके बाद उसकी गुमशुदगी दर्ज हो पाई थी। शुक्रवार सुबह पुलिस अधीक्षक अविनाश पांडे और आईजी डॉक्टर राकेश सिंह जिला अस्पताल पहुंचे और छात्रा से पूरे मामले की जानकारी ली। छात्रा के पिता ने बताया कि अगर समय रहते पूरनपुर कोतवाल संजीव शुक्ला कार्रवाई कर देते तो शायद यह घटना नहीं घटती। आईजी ने मामले में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।