बॉर्डर न्यूज़ लाइव, महराजगंज
ठूठीबारी/महराजगंज। इंडो-नेपाल सीमा पर स्थित ठूठीबारी कस्बे में 11 केवी हाईटेंशन लाइन एक बड़ा खतरा बनकर स्कूल के छात्रों के सिर पर मंडरा रही है। स्वामी विवेकानंद स्कूल के ऊपर से गुजर रहे इस हाईटेंशन तार को शिफ्ट करने की मांग स्थानीय निवासियों और विद्यालय प्रशासन द्वारा कई बार उठाई गई, लेकिन विद्युत विभाग की लापरवाही के चलते आज तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
सात महीने से फंसा शिफ्टिंग प्लान, कागजों में उलझी फाइलें
विद्यालय प्रबंधन ने 02 अक्टूबर 2024 को इस हाईटेंशन लाइन को शिफ्ट कराने के लिए आवेदन किया था। कार्य शुरू भी हुआ, लेकिन स्थानीय निवासियों के विरोध के चलते रोक दिया गया। विरोध के बाद जिलाधिकारी महराजगंज ने इसे वैकल्पिक रूप से शिफ्ट करने का निर्देश दिया। इसके लिए नया प्राक्कलन (रिवाइज एस्टिमेट) तैयार कर जमा भी कर दिया गया, लेकिन सात महीने बीत जाने के बावजूद कार्रवाई सिर्फ फाइलों तक ही सीमित रह गई है।
नतीजा: स्कूल के हजारों छात्र-छात्राओं की सुरक्षा को लेकर अब भी खतरा बना हुआ है।
जनसुनवाई पोर्टल पर शिकायत के बावजूद कार्रवाई शून्य!
इस समस्या को लेकर जनसुनवाई पोर्टल (शिकायत संख्या: 40018725003384) पर 22 फरवरी 2025 को शिकायत दर्ज कराई गई थी। 24 मार्च 2025 को विद्युत विभाग ने जवाब दिया कि—
“विद्यालय प्रबंधन द्वारा आवेदन देने के बाद प्राक्कलन प्रस्तुत किया गया था और शिफ्टिंग का कार्य शुरू किया गया था, लेकिन स्थानीय निवासियों के विरोध के कारण इसे रोका गया। अब इसे अंडरग्राउंड किया जाएगा।”
लेकिन आज तक हाईटेंशन तार खुले आसमान में लटक रहे हैं, जिससे छात्र-छात्राओं की जान खतरे में है।
विद्युत विभाग, प्रशासन या स्कूल प्रबंधन आखिर जिम्मेदार कौन?
इस लापरवाही के चलते अभिभावकों और स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी है। सवाल यह उठता है कि— अगर कोई अनहोनी हो जाती है, तो इसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
विद्युत विभाग: जिसने अब तक कार्य में ढिलाई बरती और छात्रों की सुरक्षा से समझौता किया।
प्रशासन: जिसने सात महीने से इस मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया।
विद्यालय प्रबंधन: जिसने बार-बार आवेदन किया, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं मिला।
व्यापार मंडल और ग्रामीणों ने किया विरोध, प्रशासन से जल्द समाधान की मांग
उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल (नगर इकाई ठूठीबारी) और स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि—
- हाईटेंशन लाइन को तत्काल अंडरग्राउंड किया जाए।
- विद्युत विभाग की लापरवाही की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई हो।
- इस कार्य को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जाए, ताकि किसी भी संभावित हादसे से बचा जा सके।
डीएम ने दिए थे आदेश, फिर भी अधूरा पड़ा कार्य
जिलाधिकारी महराजगंज ने एसडीएम निचलौल को निर्देश दिया था कि विद्युत विभाग से तारों की अंडरग्राउंड शिफ्टिंग के लिए नया वैकल्पिक स्टीमेट तैयार कराया जाए। लेकिन विद्युत विभाग की सुस्ती के चलते आज तक यह कार्य अधूरा पड़ा है।
अब सवाल उठता है कि क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है?
क्या सरकार और प्रशासन अब भी सोए रहेंगे?
अगर जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं हुआ, तो यह किसी बड़े हादसे को जन्म दे सकती है। अभिभावकों और स्थानीय नागरिकों ने चेतावनी दी है कि अगर जल्द ही तारों को शिफ्ट नहीं किया गया, तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा।
अब देखने वाली बात यह होगी कि प्रशासन कब तक जागता है और कब तक इस समस्या का समाधान होता है या फिर इसे किसी हादसे का इंतजार है…?