🔴 मुख्य बाजार का सबसे सुरक्षित इलाका भी असुरक्षित, लगातार हो रही चोरियों से व्यापारी चिंतित
📍 बॉर्डर न्यूज़ लाइव, महराजगंज (निशा चौधरी)
महराजगंज/ठूठीबारी। कोतवाली क्षेत्र में बढ़ती चोरी की घटनाओं ने व्यापारियों को असुरक्षित महसूस करने पर मजबूर कर दिया है। शहर का मुख्य बाजार, जिसे अब तक सबसे सुरक्षित क्षेत्र माना जाता था, वहां भी अब चोरों का बेखौफ आतंक देखने को मिल रहा है। लगातार हो रही चोरी की घटनाओं के बावजूद कोतवाली पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल उठने लगे हैं।
ईशा मोबाइल केयर से लाखों की चोरी, सीसीटीवी में कैद हुई वारदात
मंगलवार रात करीब 10 बजे चोरों ने ईशा मोबाइल केयर में सेंध लगाकर बड़ी चोरी को अंजाम दिया। घटना में करीब 1 लाख रुपये मूल्य के नए और पुराने मोबाइल चोरी कर लिए गए। चोरी की पूरी घटना दुकान में लगे CCTV कैमरे में कैद हो गई। घटना की सूचना पर कोतवाली पुलिस मौके पर पहुंची, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई।
पहले भी निगम मोबाइल केयर में हुई थी चोरी की कोशिश, पुलिस ने दर्ज नहीं किया मुकदमा
गौरतलब है कि ईशा मोबाइल केयर के मालिक की दूसरी दुकान निगम मोबाइल केयर में भी पहले चोरी का प्रयास हुआ था। हैरानी की बात यह है कि पुलिस ने इस मामले में न तो मुकदमा दर्ज किया और न ही किसी प्रकार की जांच आगे बढ़ाई। इससे पुलिस की कार्यशैली को लेकर सवाल उठने लगे हैं।
व्यापार मंडल अध्यक्ष के प्रतिष्ठान पर भी चोरों ने किया हाथ साफ
केवल मोबाइल दुकानों तक ही मामला सीमित नहीं है। उत्तर प्रदेश उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार के प्रतिष्ठान ‘अंबे टेंट हाउस’ के गोदाम में भी चोरी की घटना हो चुकी है। बावजूद इसके कोतवाली पुलिस किसी भी मामले का खुलासा नहीं कर पाई।
शटर तोड़ने के बढ़ते प्रयास, दहशत में व्यापारी
पिछले कुछ दिनों से चोरों द्वारा कई अन्य दुकानों के शटर पर सब्बल और हथौड़े से तोड़ने के प्रयास किए गए। इन घटनाओं से व्यापारियों में असुरक्षा की भावना बढ़ती जा रही है। व्यापारी वर्ग का कहना है कि यदि जल्द ही पुलिस ठोस कदम नहीं उठाती तो वे विरोध प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।
क्या नए एसओ देंगे जवाब?
लगातार हो रही इन घटनाओं ने कोतवाली पुलिस के नए एसओ के लिए चुनौती खड़ी कर दी है। व्यापारियों का आक्रोश बढ़ता जा रहा है और वे जल्द ही प्रशासन से कड़े कदम उठाने की मांग कर सकते हैं। अब देखने वाली बात होगी कि क्या पुलिस अपराधियों पर शिकंजा कस पाएगी या व्यापारियों का आक्रोश और बढ़ेगा?