गोरखपुर: केंद्रीय अधिमान्य मीडिया आयोग जनपद गोरखपुर की एक आवश्यक बैठक आज असुरन चौक स्थित कार्यालय में संपन्न हुई। बैठक की अध्यक्षता जिला चेयरमैन दुर्गेश मिश्र ने की, जिसमें गोरखपुर के विभिन्न पत्रकारों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य उद्देश्य मीडिया कर्मियों की समस्याओं पर चर्चा करना और उनके हित में कुछ ठोस कदम उठाने के लिए रणनीतियों पर विचार करना था।
पत्रकार संगठनों के लिए 10 प्रमुख बिंदुओं पर जोर
वरिष्ठ पत्रकार रामकृष्ण शरण मनी त्रिपाठी ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकारों के संगठनों को 10 प्रमुख बिंदुओं पर कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि उत्तर प्रदेश सरकार को पंजाब मॉडल के आधार पर छोटे और मझौले डिजिटल चैनल, केबल न्यूज़ चैनल, दैनिक और साप्ताहिक अखबारों के संपादकों और पत्रकारों को मान्यता देनी चाहिए, जिससे उन्हें सरकारी सुविधाओं का लाभ मिल सके।
डिजिटल और केबल चैनलों के लिए पंजीकरण और मान्यता की मांग
त्रिपाठी ने मांग की कि डिजिटल चैनलों को उचित पंजीकरण प्रमाण पत्र जारी किया जाए, ताकि उनकी पहचान और कार्यक्षमता को कानूनी दर्जा मिल सके। इस कदम से छोटे और मझौले न्यूज़ चैनलों को बेहतर कार्यक्षेत्र मिलेगा और वे राज्य सरकार की ओर से दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं का लाभ उठा सकेंगे।
पत्रकारों के लिए स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना
दुर्गेश मिश्र ने कहा कि पत्रकारों के हितों की सुरक्षा के लिए सभी जिलों में स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट की स्थापना होनी चाहिए। इससे पत्रकारों से जुड़े मामलों को तेजी से निपटाया जा सकेगा और उन्हें न्याय पाने में किसी तरह की देरी का सामना नहीं करना पड़ेगा। साथ ही, उन्होंने पत्रकार सहायता हेल्पलाइन की भी मांग की, जिसे उत्तर प्रदेश राज्य सरकार द्वारा जल्द से जल्द शुरू किया जाना चाहिए।
पत्रकार परिवारों को निशुल्क शिक्षा और चिकित्सा सुविधा
पत्रकार वशिष्ठ मुनि पांडे ने पत्रकारों और उनके परिवारों के लिए विशेष सुविधाओं की मांग की। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के बच्चों को निशुल्क शिक्षा और परिवारों को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाई जानी चाहिए। इसके साथ ही, पत्रकारों का जीवन बीमा करवाया जाना चाहिए ताकि उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो सके।
गैर-अधिमान्य पत्रकारों के लिए निशुल्क यात्रा की मांग
पांडे ने यह भी सुझाव दिया कि गैर-अधिमान्य पत्रकारों के लिए निशुल्क यात्रा की स्वीकृति भी उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा दी जानी चाहिए, ताकि वे अपने कार्यों को सही ढंग से अंजाम दे सकें। यह विशेष रूप से छोटे शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के पत्रकारों के लिए एक बड़ा सहारा होगा।
पत्रकारों के लिए आवास और सुरक्षा बजट
कृष्ण कुमार त्रिपाठी ने कहा कि पत्रकारों के लिए एक सुरक्षा बजट पास किया जाना चाहिए, जिससे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, गरीब और आवासहीन पत्रकारों के लिए पत्रकार आवास योजना के तहत आवास उपलब्ध करवाए जाएं। सरकार को इस दिशा में कदम उठाने की जरूरत है ताकि पत्रकार बिना किसी चिंता के अपने काम को अंजाम दे सकें।
उत्तर प्रदेश विधानसभा में मीडिया कर्मियों की 10% भागीदारी सुनिश्चित करने की मांग
वयोवृद्ध पत्रकार रविंद्र मोहन त्रिपाठी ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में कम से कम 10 प्रतिशत मीडिया कर्मियों की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि राज्य सरकार द्वारा एक पोर्टल लॉन्च किया जाना चाहिए, जिससे सभी पत्रकारों को सूचीबद्ध किया जा सके और इस प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे।
बैठक के मुख्य प्रतिभागी
इस बैठक में कई प्रमुख पत्रकारों ने हिस्सा लिया, जिनमें डॉक्टर त्र्यंबक पांडे, दयाशंकर प्रसाद, रामकृष्ण शरण मनी त्रिपाठी, के.के. त्रिपाठी, वशिष्ठ मुनि पांडे, विनय तिवारी, दुर्गेश मिश्र, मोनू मिश्र, और रविंद्र मोहन त्रिपाठी प्रमुख रूप से शामिल थे। बैठक का संचालन पत्रकार सुनील मणि त्रिपाठी द्वारा किया गया।