नेपाल में बड़े पर्व के रूप में है दशहरा पर्व की मान्यता
न्यूज़ डेस्क इंडो नेपाल बार्डर…
नेपाल |
अपने देश भारत के साथ साथ मित्र राष्ट्र नेपाल में दशहरा का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया गया | नेपाल के मधेश व तराई क्षेत्र में यह पर्व सबसे बड़े त्यौहार के रूप में मनाया जाता है थारू समुदाय नौवें दिन सफेद टीका और जमरा पहनकर अपनी मूल संस्कृति और धार्मिक अनुष्ठानों के अनुसार दशमी मनाता है। ऐसी मान्यता है कि थारू समुदाय इस दिन अपने पूर्वजों को याद कर व अपने पूर्वजों को सम्मान देने के साथ इस त्योहार को मनाता है। नेपाल में हिन्दू धर्म अनुयायियों द्वारा घटस्थापना के दिन से ही दशहरा की शुरुआत घर-घर में मकई का जमारा रखने से होती है। दशई की शुरुआत थारू समुदाय द्वारा मक्का रखकर की जाती है। फिर शुरू होता है दशहरा ।
नवमी के दिन सफेद टीका और जमारा पहनने की प्रथा है। नवमी के दिन ग्रामीण मटवा के घर जाते हैं और सामूहिक रूप से टीका और जमरा लगाते हैं। इस पर्व पर लोगो को टीका लगाने की परम्परा हैं | थारू समुदाय दशहरा के दौरान सखिया नृत्य करतेहै। दशई तक चलने वाले इस नृत्य को गांव में थारू समाज की महिलाएं खुशी-खुशी नृत्य करती हैं। दशई की समाप्ति के कुछ दिनों बाद सखिया नृत्य का समापन होता है। इसी तरह दशई पर बरकी मार गीत गाया जाता है। यह नवमी के दिन पुरुषों द्वारा गाया जाने वाला गीत है। थारू भाषा में गाया गया बरकीमार गीत हिंदू ग्रंथ महाभारत पर आधारित है। इस बार भी थारू समाज के लोगों ने पूरे रीति रिवाज के साथ दशहरा पर्व मनाया है।