मंगलापुर गांव में चल रहा 65 मनरेगा मजदूरों का मस्टर रोल, धरातल पर नहीं दिखा कोई काम
ग्राम प्रधान की दबंगई से ग्रामीण है परेशान भेदभावपूर्ण तरीके से काम कराने का आरोप
न्यूज़ डेस्क नौतनवा….(विमलेश नायक हैप्पी की रिपोर्ट)
बरगदवा/नौतनवा | मजदूरों को 100 दिन के रोजगार की गारण्टी देने वाली सरकार की चर्चित मनरेगा योजना भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा जरिया बन गया है। इसका ताजा उदाहरण नौतनवा ब्लॉक में देखने को मिला, जहां केवल कागजों में मजदूरों से काम करवाया जा रहा है लेकिन धरातल पर न तो मजदूर दिखते हैं और नही तो काम। कागजों में मजदूर और मजदूरी दिखाकर मनरेगा के नाम पर बड़ी लूट मचाई जा रही है । नौतनवा ब्लॉक के मंगलापुर गांव में सरकार के निर्देशों के अनुपालन में मस्टरोल में तो मजदूरों को रोजगार दिया जा रहा है लेकिन मौके पर कोई भी मजदूर काम करते नहीं दिख रहा है। ब्लॉक के ग्राम सभा मंगलापुर में पंचायत भवन निर्माण कार्य और पीडब्ल्यूडी सड़क से केशव के खेत तक चकबन्द भराई का कार्य मस्टरोल में जारी है। जिसमे कुल 65 मनरेगा मजदूर काम करते दिखाए जा रहे है | पर यह काम सिर्फ मस्टरोल में ही चल रहा है, धरातल पर काम होता नहीं पाया गया |
जब इस मामले का पड़ताल की तो ग्रामीणों ने जो कुछ बताया, वह हैरान करने वाला था। ग्रामीणों ने बताया कि 17 नवम्बर से इस साइड पर कोई कार्य नहीं चल रहा है वही पंचायत भवन में छत की ढलाई हुए करीब 10 दिन हो चुके है जिसके बाद से अबतक कोई निर्माण काम नहीं हुआ है | बावजूद उसके पंचायत भवन पर निर्माण कार्य मस्टर रोल में दिखाया जा रहा है | ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम सभा में प्रधान तो महिला है पर उनके प्रतिनिधि के तौर पर उनके ससुर ग्राम सभा के कामकाज को देखते है जो दबंग किस्म के है |
राजनैतिक विद्वेष की भावना से वे अपना पराया देख फर्जी तरीके से केवल कागजों में काम करवा रहे है। ग्रामीणों ने पंचायत भवन व चकरोड़ भराई में की गई धांधली व धन बंदरबाट की जी जांच करा कार्यवाही करने की मांग की है। ग्रामीणों का कहना है कि महराजगंज जनपद में मनरेगा में भारी भ्रष्टाचार हो रहा हैं। वही इस बावत जब ग्राम प्रधान प्रतिनिधि रामदास साहनी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि विगत के दिनों में पंचायत भवन व मिट्टी भराई का काम कराया गया है |
इधर कुछ दिनों से काम बंद है जिसे मस्टर रोल में शून्य करा दिया जायेगा | इस बावत रोजगार सेवक मुकेश से बात करने की कोशिश की गई तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया जबकि ग्राम सभा सेक्रेटरी अमरेंद्र यादव ने बताया कि इस बावत रोजगार सेवक से बात करे हम हर दिन उसकी निगरानी नहीं कर सकते | अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि आखिर किस अधिकारी की जवाबदेही इसमे तय की जाएगी | जब इस धांधली में कोई कुछ स्पष्ट जवाब नहीं दे रहा है |