शासन के फ़रमान के बावजूद जनपद की तमाम सड़के अब भी जर्जर
आवागमन में हो रही है दिक्कते, हर दिन होती है छोटी बड़ी घटनाएं
न्यूज़ डेस्क महराजगंज…
महराजगंज |
उत्तर परदेश की योगी सरकार ने प्रदेश की सभी सड़को को गड्ढा मुक्त करने के लिए नवम्बर माह की डेड लाइन तय कर दी है बावजूद महराजगंज जनपद की ऐसी तमाम सड़कें ऐसी है जिसपर सफ़र करना जान जोखिम में डालने से कम नहीं है | वही इन जर्जर सडको पर रोडवेज बसों के सञ्चालन पर चालक को ज्यादे डीजल की खपत के कारण रिकवरी देनी पड़ती है | इन जर्जर सड़कों की वजह से हर महीने रोडवेज चालकों के वेतन से 1500 से लेकर 2000 रुपये रिकवरी भी हो रही है।
यात्रियों की सुविधा के लिए जिला मुख्यालय पर भले ही डिपो की स्थापना कर दी गई हो पर सुविधाए नदारद है | वही दूसरी तरफ सड़कों की जर्जर हालत से रोडवेज चालकों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। महराजगंज-गोरखपुर, महराजगंज-फरेंदा, महराजगंज-ठूठीबारी मार्ग को छोड़ दिया जाए तो अभी भी रोडवेज चालकों को कई लोकल मार्गों पर आने-जाने में सांसत झेलनी पड़ रही है। जिले के अंदर की कई सड़कों के जर्जर होने के वजह से हर महीने कई बसों के पहिए पंचर हो जा रहे हैं। इससे रोडवेज यात्रियों को टायर, कमानी की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। महराजगंज डिपो के एक जिम्मेदार कर्मचारी ने बताया कि जर्जर सड़कों की वजह से कभी भी बस अड्डे पर समय से बस नहीं पहुंचती है। महराजगंज डिपो की किसी भी बस 5.40 लेकर 6 किमी प्रति लीटर से अधिक माइलेज नहीं दे रही है। ऐसे में डीजल खर्च भी काफी बढ़ गया है। महराजगंज डिपो में जर्जर सड़कों की वजह से डीजल खपत पहले की अपेक्षा कुछ बढ़ गई है। पहले हर महीने करीब 55 हजार लीटर डीजल खर्च हो जाता था। लेकिन जर्जर सड़कों की वजह से अब प्रति महीने डीजल खर्च करीब 66 हजार लीटर पहुंच गया है। महराजगंज डिपो के रोडवेज चालक 2000 से लेकर 2200 लीटर प्रतिदिन डीजल फूंक दे रहे हैं।
एआरएम महराजगंज डिपो नंद किशोर चौधरी ने बताया कि महराजगंज डिपो की जर्जर सड़कों की वजह से चालक हमेशा परेशान रहते हैं। जर्जर सड़कों के कारण कभी-कभी तो चालक बस अड्डे पर बस लेकर देरी से पहुंचते हैं। ऐसे में चालकों को अधिकारियों की डॉट सुननी पड़ती है। वहीं दूसरी ओर हर महीने चालकों के वेतन से रिकवरी भी होते रहते हैं।