उन्नाव। बीघापुर थाने में तैनात डीएसपी कृपाशंकर कनौजिया को अनुशासनहीनता के चलते सिपाही बना दिया गया है। 59 साल के कनौजिया अगले साल रिटायर होने वाले हैं। इस सख्त फैसले को लेकर पुलिस महकमे में बहस छिड़ गई है। कई रिटायर्ड पुलिस अफसरों ने इस फैसले पर अपनी राय दी है और अपील की है कि ऐसे कड़े फैसले दुर्लभतम मामलों में ही लिए जाने चाहिए।
फैसले का विवरण: रिटायर्ड डीजीपी बृजलाल, जो वर्तमान में बीजेपी से राज्यसभा सदस्य हैं, ने कहा कि ऐसे गलत काम करने वाले अफसरों को बर्खास्त करने को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि कनौजिया के खिलाफ कार्रवाई यूपी सरकार के सेवक (अनुशासन और अपील) नियम 1999 के तहत की गई है, जो पहले पद पर वापसी की अनुमति देता है।
घटना का विवरण: जुलाई 2021 में, कृपाशंकर कनौजिया एक महिला सिपाही के साथ कानपुर के माल रोड स्थित एक होटल में पाए गए थे। इस घटना से पुलिस विभाग की काफी किरकिरी हुई थी और तभी से इसकी जांच चल रही थी। इस मामले के बाद यूपी सरकार ने समीक्षा के बाद कनौजिया को फिर से सिपाही बनाने की सिफारिश की, जिसे एडीजी प्रशासन ने मंजूरी दी।
करियर की शुरुआत: कृपाशंकर कनौजिया ने अपने करियर की शुरुआत पीएसी की 26वीं वाहिनी में सिपाही के रूप में की थी। अब, उन्नाव के बीघापुर थाने में डीएसपी रहे कनौजिया को फिर से उसी वाहिनी में सिपाही बना दिया गया है। कई रिटायर्ड पुलिस अफसरों का मानना है कि सजा अपराध के अनुसार मिलनी चाहिए और इतनी सख्त कार्रवाई दुर्लभतम मामलों में ही की जानी चाहिए।
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