परीक्षा प्राधिकरण के अधिकारी और कर्मचारी होंगे जिम्मेदार
बॉर्डर न्यूज़ लाइव, उत्तर प्रदेश
यूपी में पर्चा लीक या अन्य वजहों से प्रतियोगी परीक्षाएं प्रभावित होने पर संबंधित परीक्षा प्राधिकरणों के अधिकारी और कर्मचारी भी कानून की जद में आएंगे। यूपी सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अध्यादेश में नियामक संस्थाओं की जवाबदेही का प्रावधान किया गया है। अधिकारियों-कर्मचारियों की भूमिका पाए जाने पर जेल और जुर्माना लगेगा।
कैबिनेट ने दी मंजूरी
मंगलवार को कैबिनेट ने नए कानून के अध्यादेश को मंजूरी दी है। राज्यपाल की मंजूरी के बाद अधिसूचना जारी हो जाएगी और यह कानून की शक्ल ले लेगा। अगले महीने विधानमंडल के मानसून सत्र में इसे सदन के पटल पर रखकर पास कराया जाएगा, क्योंकि कोई भी अध्यादेश छह महीने तक ही प्रभावी रहता है। अध्यादेश जारी होने के बाद सदन का अगला सत्र बुलाकर इसे सदन में रखना अनिवार्य होता है।
ट्रांसपोर्ट संस्थाएं भी होंगी जिम्मेदार
अध्यादेश के ड्राफ्ट में सॉल्वर गैंग, सर्विस प्रोवाइडर और उससे जुड़े कर्मचारी या एजेंट के साथ ही सर्विस प्रोवाइडर की सहायक कंपनियां भी कार्रवाई के दायरे में रखी गई हैं। परीक्षा प्राधिकरणों के अधिकारियों और कर्मचारियों को भी कानून में कार्रवाई के दायरे में रखा गया है। इस कानून के तहत किसी भी अपराध के लिए अभियुक्त को जमानत पर तब तक नहीं छोड़ा जाएगा, जब तक सरकारी वकील को विरोध करने और पक्ष रखने का मौका न दिया गया हो। किसी व्यक्ति, संस्था, प्रिंटिंग प्रेस, सेवा प्रदाता से परीक्षा आयोजित करने के लिए प्रबंधन या परीक्षा सामग्री रखने या उसके ट्रांसपोर्ट का करार होने पर उनकी भूमिका की भी जांची जाएगी। दोषी पाए जाने पर जेल और जुर्माने के साथ आजीवन ब्लैक लिस्ट किया जाएगा। सामूहिक नकल कराने या पर्चा हल करने में मदद करने वाले संस्थान को भी सार्वजनिक परीक्षा कराने से डिबार किया जाएगा। हालांकि, छात्र या प्रतियोगी प्रस्तावित कानून में जेल या जुर्माने के दंड की परिधि में नहीं होंगे।
केंद्र से कड़ा है यूपी का कानून
हाल ही में केंद्र सरकार ने भी पर्चा लीक जैसी घटनाओं पर रोक लगाने के लिए नया कानून अधिसूचित किया है। यूपी के कानून में केंद्र के कानून से कहीं अधिक कड़े प्रावधान हैं। केंद्र ने अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान किया है, जबकि यूपी में आजीवन कारावास तक की सजा का प्रावधान है। यूपी में परीक्षा कराने वाली एजेंसी के दोषी पाए जाने पर परीक्षा का पूरा खर्च वसूला जाएगा। संपत्ति की कुर्की और जब्ती भी की जा सकती है।