लखनऊ: पेपर लीक मामले में एमएलए बेदीराम और ओपी राजभर विवादों में
बॉर्डर न्यूज़ लाइव, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में पेपर लीक मामले को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। इस मामले में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के विधायक बेदी उर्फ बेदीराम और पार्टी अध्यक्ष, योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर का नाम सामने आया है। बेदीराम का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह पैसे लेकर पेपर लीक करवाने की बात कर रहे हैं। इसके बाद, ओपी राजभर का भी एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें वह बेदीराम की ओर इशारा कर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहते हैं कि ‘इनके कई लाख चेले सरकारी नौकरी कर रहे हैं, सबको नौकरी इन्होंने दी है।’
ओपी राजभर ने सीएम योगी से मुलाकात की
वीडियो वायरल होने के बाद, ओपी राजभर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की। माना जा रहा है कि इस मुलाकात में राजभर ने पेपर लीक मामले में स्पष्टीकरण दिया है। राजभर के वीडियो में वह कार्यकर्ताओं से पूछते हैं कि ‘नौकरी चाहिए या नहीं’ और कहते हैं कि ‘किसी भी विभाग में नौकरी चाहिए तो फॉर्म भरने के बाद जो लेटर आएगा, उन्हें कॉल करें, वह जुगाड़ बना देंगे।’
सीएम योगी ने सख्त कानून को दी मंजूरी
इस विवाद के बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पेपर लीक मामले में सख्त कानून के अध्यादेश को कैबिनेट में मंजूरी दी है। रिटायर्ड आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने डीजीपी को पत्र लिखकर बेदीराम के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने की मांग की है। उन्होंने दोनों वायरल वीडियो और निर्वाचन आयोग के शपथ पत्र की प्रति भी डीजीपी को भेजी है।
शपथ पत्र में बेदीराम के आपराधिक रिकॉर्ड का उल्लेख
सुभासपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अरुण राजभर ने दावा किया कि पार्टी को बेदीराम के पेपर लीक मामलों में संलिप्त होने की जानकारी नहीं थी। हालांकि, शपथ पत्र के मुताबिक, बेदीराम पर 2006 में लखनऊ के कृष्णानगर थाने में रेलवे भर्ती परीक्षा लीक का पहला मुकदमा दर्ज हुआ था। उनके खिलाफ यूपी, राजस्थान और मध्य प्रदेश में रेलवे भर्ती और पुलिस भर्ती के पेपर लीक की कई एफआईआर दर्ज हैं।
संपत्तियों की कुर्की की संस्तुति
यूपी एसटीएफ ने 16 जुलाई 2014 को बेदीराम को आशियाना से गिरफ्तार किया था। तत्कालीन आईजी एसटीएफ सुजीत पांडेय ने एसएसपी लखनऊ को पत्र लिखकर बेदीराम की नौ संपत्तियों का ब्योरा देते हुए उनकी कुर्की की सिफारिश की थी।