विधि विज्ञान प्रयोगशाला ने वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं की, कहा कि मूल वीडियो मिलने के बाद ही हो पाएगी इसकी पुष्टि
बॉर्डर न्यूज़ लाइव, बाराबंकी/उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश के बाराबंकी से पूर्व भाजपा सांसद उपेंद्र रावत का अश्लील वीडियो करीब 5 महीने पहले सोशल मीडिया पर खूब वायरल हुआ था, जिससे राजनीतिक हलकों में सनसनी फैल गई थी। इस वीडियो के वायरल होने के बाद, उपेंद्र रावत ने लोकसभा चुनाव लड़ने से इंकार कर दिया था। उन्होंने आरोप लगाया था कि वीडियो को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) तकनीकी का उपयोग करके बनाया गया है।
इस मामले में विधि विज्ञान प्रयोगशाला, लखनऊ ने अब अपनी जांच रिपोर्ट पेश कर दी है। रिपोर्ट में वीडियो की सत्यता की पुष्टि नहीं की जा सकी है, और एआई तकनीकी के प्रयोग से इंकार नहीं किया गया है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि मूल वीडियो मिलने के बाद ही इसकी पुष्टि हो पाएगी।
वीडियो वायरल होने के बाद, उपेंद्र रावत ने इस मामले में तीन मार्च को अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस ने मामले की जांच के लिए वीडियो क्लिप को विधि विज्ञान प्रयोगशाला, महानगर लखनऊ भेजा था, जहां से अब रिपोर्ट प्राप्त हो गई है।
उपेंद्र रावत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट डालकर कहा था कि जब तक वीडियो की जांच पूरी नहीं हो जाती, तब तक वह कोई भी चुनाव नहीं लड़ेंगे। लैब की रिपोर्ट आने के बाद, इस मामले ने एक बार फिर से तूल पकड़ लिया है और लोगों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।