आखिर सौरभ ने अपनी पत्नी के साथ क्यों कर ली गंगा में कूदकर आत्महत्या..?
बॉर्डर न्यूज़ लाइव, सहारनपुर/उत्तर प्रदेश
सहारनपुर: सहारनपुर के व्यापारी सौरभ बब्बर और उनकी पत्नी मोना ने कर्ज के बोझ से परेशान होकर 9-10 अगस्त की रात को हरिद्वार में गंगा में कूदकर आत्महत्या कर ली। इस दुखद घटना ने शहर में हड़कंप मचा दिया है, और इस घटना के पीछे छुपी वित्तीय जटिलताएं और सौरभ के जीवन में आए संकट की कहानी सामने आ रही है।
सहारनपुर से लगभग 100 किलोमीटर दूर, हरिद्वार पहुंचकर, सौरभ ने गंगा में छलांग लगाने से पहले अपने परिजनों को एक सुसाइड नोट, सेल्फी, और अपनी लोकेशन भेजी थी। इसके साथ ही, उन्होंने आखिरी कॉल भी परिजनों को किया, जिसमें उन्होंने अपने आत्महत्या के फैसले की जानकारी दी।
सौरभ का शव तो 11 अगस्त को गंगनहर किनारे से बरामद कर लिया गया, लेकिन उनकी पत्नी मोना का 10 दिन बाद भी कोई सुराग नहीं मिला है। इस घटना के बाद पुलिस और गोताखोरों की टीम उनकी तलाश में जुटी हुई है।
सौरभ बब्बर सहारनपुर के किशुनपुरा निवासी थे और उनकी 12 साल पुरानी ज्वैलरी शॉप थी। इसके साथ ही, वे 7 कमेटी ग्रुप भी चला रहे थे, जिनमें करीब 1400 सदस्य शामिल थे। कमेटी के हर सदस्य से उन्हें महीने के 2000 रुपये मिलते थे, जिससे हर महीने उनके पास 28 लाख रुपये जमा होते थे। यह रकम उन्होंने एक बड़े ज्वैलर को दी थी, लेकिन वह ज्वैलर का बेटा पैसा लेकर दुबई भाग गया। इसके साथ ही, सौरभ ने शेयर मार्केट में भी निवेश किया था, जिसमें उन्हें भारी नुकसान हुआ।
सौरभ ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि “ब्याज दे-देकर परेशान हो चुका हूं, अब और ब्याज नहीं दिया जा रहा, इसलिए आत्महत्या कर रहे हैं।”
सौरभ के पिता दर्शनलाल ने कहा कि उन्हें यकीन नहीं था कि उनका बेटा ऐसा कदम उठा सकता है। वहीं, सौरभ की आत्महत्या के बाद कमेटी मेंबर्स भी मुश्किल में फंस गए हैं, जिन्होंने अपनी गाढ़ी कमाई सौरभ के पास जमा की थी। अब उन्हें अपने पैसे वापस मिलने की चिंता सता रही है।
पुलिस और प्रशासन इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं, और मोना के शव की तलाश जारी है। हालांकि, परिवार ने इस आत्महत्या के मामले में किसी के खिलाफ कोई तहरीर नहीं दी है।