परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों और कर्मचारियों की डिजिटल अटेंडेंस का विरोध शुरू
बॉर्डर न्यूज़ लाइव, उत्तर प्रदेश
परिषदीय प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में डिजिटल उपस्थिति आज से (आठ जुलाई) लागू हो रही है, लेकिन इसके साथ ही शिक्षकों ने विरोध शुरू कर दिया है। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ से जुड़े शिक्षकों ने आज से बाजुओं पर काली पट्टी बांधकर पढ़ाने का निर्णय लिया है।
सरकार द्वारा परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों को टैबलेट दिए गए हैं। तमाम सूचनाओं का आदान प्रदान करने के साथ ही विद्यार्थियों और शिक्षकों की उपस्थिति भी टैबलेट के माध्यम से ही लगेगी। तमाम संगठन डिजिटल उपस्थिति का विरोध कर रहे हैं। शिक्षकों को लग रहा है कि इससे दूर के विद्यालयों में पढ़ाने वाले शिक्षकों के सामने समस्या आएगी। क्योंकि उपस्थिति एक निर्धारित समय पर केवल विद्यालय में जाकर ही लगाई जा सकेगी, जिसमें लोकेशन आदि सब दर्ज होगा। 15 मिनट देर होने पर शिक्षक की अनुपस्थिति मानी जाएगी। अब विभाग ने आठ जुलाई से डिजिटल उपस्थिति लागू करने के निर्देश किए हैं, जिसके बाद से शिक्षक परेशान हैं।
- व्यापक विरोध:
- प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में सोमवार से शिक्षकों और कर्मचारियों की डिजिटल अटेंडेंस (टैबलेट पर चेहरा दिखाकर उपस्थिति) की व्यवस्था का विरोध शुरू हो गया है।
- विभिन्न शिक्षक संगठनों ने बैठक कर नाराजगी जताई और काली पट्टी बांधकर काम करने तथा प्रदर्शन करने का निर्णय लिया।
- शिक्षक संगठनों की प्रतिक्रियाएं:
- विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन:
- डिजिटाइजेशन को काला कानून कहा।
- 8 से 14 जुलाई तक काली पट्टी बांधकर काम करने और 15 जुलाई को धरना देने का निर्णय।
- उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ:
- डिजिटल फेस अटेंडेंस को थोपने पर नाराजगी जताई।
- 20 जुलाई तक काली पट्टी बांधकर शिक्षण कार्य करेंगे, उसके बाद कार्य बहिष्कार का ऐलान।
- उत्तर प्रदेश महिला शिक्षक संघ:
- डिजिटल अटेंडेंस को स्थगित करने की मांग।
- शिक्षकों को ईएल, सीएल, हाफ डे, प्रतिकर अवकाश देने की मांग।
- उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ:
- ब्लॉक स्तर पर शिक्षकों से बैठक कर उनका मत जानने और उसके बाद आगे के आंदोलन की घोषणा का निर्णय।
- राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ और सुशील पांडेय गुट ने इस निर्णय का बहिष्कार करने की घोषणा की।
- विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन:
- विभाग ने दी राहत:
- शिक्षकों की मांग को देखते हुए सुबह 7:45 से 8:00 बजे तक के निर्धारित समय में 30 मिनट की राहत दी गई है, अब उपस्थिति 8:30 बजे तक लगाई जा सकती है।
- हालांकि, शिक्षक इससे संतुष्ट नहीं हैं।
- सोशल मीडिया पर अभियान:
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- शिक्षकों ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर अभियान चलाया।
- लगभग साढ़े तीन लाख से अधिक शिक्षकों ने इसे रिट्विट किया।
- इसके माध्यम से उन्होंने इस व्यवस्था को स्थगित करने की मांग की।
- विभाग अभी पीछे हटने को तैयार नहीं है।
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