निचलौल ब्लाक के बेलवा टोला में चल रहे खडंजा निर्माण में मिली थी अनियमितता की शिकायत
समाचार संकलन करने गए वरिष्ठ पत्रकार के साथ दुर्व्यवहार करते हुए दी थी जान माल की धमकी
बॉर्डर न्यूज़ लाइव, महराजगंज
महराजगंज। महराजगंज जनपद के निचलौल ब्लाक अंतर्गत ग्राम बेलवा में इन दिनों प्रधान के घर के आसपास खडंजा निर्माण कार्य प्रगति पर है। खडंजा निर्माण में मानक की अनदेखी कर बालू, गिट्टी, सीमेंट आदि घटिया किस्म के लगाए जाने की शिकायत पर राष्ट्रीय हिंदी दैनिक अखबार के वरिष्ठ पत्रकार समाचार संकलन के किये उक्त गांव में गए हुए थे। अभी चैनल व अखबार के लिए फ़ोटोग्राफ़ी व वीडियोग्राफी कर ही रहे थे कि सम्बंधित गांव के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि व शिक्षा मित्र राजदेव के द्वारा भद्दी भद्दी गालिया देते हुए पत्रकार के हाथ से मोबाई छिन उसे पटक दिया गया और धमकी दिया गया कि अगर दुबार मेरे द्वारा कराएं जा रहे साईट पर ख़बर के लिए गए तो तुम्हारी पत्रकारिता धरी की धरी रह जायेगी। किसी तरह पत्रकार अपनी जान बचा स्थानीय कोतवाली में इसकी शिकायत की जिसकी जांच करा ठूठीबारी कोतवाली पुलिस ने सम्बंधित ग्राम प्रधान प्रतिनिधि/शिक्षा मित्र पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया है।
मामला है महराजगंज जनपद के निचलौल ब्लाक अंतर्गत ग्राम सभा बेलवा कि जहां सम्बंधित ग्राम प्रधान के घर के सामने से लेकर आसपास खडंजा निर्माण का कार्य कराया जा रहा है। निर्माण कार्य में अनियमितता की शिकायत पर राष्ट्रीय हिंदी दैनिक अखबार के वरिष्ठ पत्रकार समाचार संकलन के लिए दिन मंगलवार दिनांक 16 अप्रैल 24 को को उक्त साईट पर पंहुचकर फ़ोटोग्राफ़ी व वीडियो बना ही रहे थे कि इसकी भनक सम्बंधित गांव के ग्राम प्रधान प्रतिनिधि राजदेव जो शिक्षा मित्र भी है मौके पर पंहुच पत्रकार के हाथ से मोबाइल छिन उसे निर्माणाधीन खडंजे पर पटक दिया वही भद्दी भद्दी गलिय देते हुए दुर्व्यवहार किया गया। जब पत्रकार ने यह कहा कि आप गलत कर रहे है तो उसने जान माल की धमकी देते हुए कहा कि चले जाओ नहीं तो यही जान से मार दूंगा वही अगर दोबारा मेरे द्वारा कराये जा रहे निर्माण स्थल या साईट पर आये तो जान से हाथ धो बैठोगे और तुम्हारी पत्रकारिता धरी की धरी रह जायेगी। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि क्या महराजगंज में योगी सरकार के निर्देशों का अनुपालन हो सकेगा..? क्या देश के चौथे स्तम्भ कहे जाने वाले कलमकारों को निष्पक्षता से काम की आजादी मिल सकेगी..? अगर हां तो पत्रकारों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार में महज मुकदमा पंजीकृत करना ही काफी है कि माननीय न्यायालय के दिशा निर्देशों का पालन करते हुए सम्बंधित को जुर्माना सहित जेल की सलाखों के पीछे डाला जाना चाहिए..?