डायना नाम का यह कुख्यात अपराधी किसी हैवान से कम नहीं
यूपी के गोरखपुर शहर के पास कुसम्ही जंगल आमतौर पर पिकनिक स्पॉट और पर्यटक स्थल माना जाता है। लेकिन पिछले कुछ सालों से वहां कुछ ऐसा हो रहा है, जिससे वहां जाने वाले सभी लोग परेशान और डरे हुए हैं। लेकिन अब लोगों को चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि उस जंगल में रहने वाला शातिर बदमाश अब पुलिस की गिरफ्त में आ चुका है. उसका नाम डायना है. जंगल में आतंक का दूसरा नाम था ‘डायना’ जी हां, आपने सही पढ़ा। डायना एक ऐसा नाम है, जिसने कुसम्ही जंगल में अपना आतंक फैला रखा था. डायना नाम का यह कुख्यात अपराधी किसी डायन से कम नहीं है। वह अब तक हजारों डकैतियों को अंजाम दे चुका है और बड़ी संख्या में महिलाओं को भी अपनी हवस का शिकार बनाया गया है। तो आइए हम आपको बताते हैं कि यह शातिर बदमाश डायना कौन है और वह जंगल में कैसे आतंक फैला रहा था?
जंगल में डायना के मुखबिर का जाल
गोरखपुर से कुशीनगर जिले की ओर बढ़ते ही कुसम्ही जंगल हजारों एकड़ में फैला हरा-भरा और घना जंगल है। लोग अक्सर आराम की तलाश में वहां जाते हैं और अच्छा समय बिताते हैं। वहां जाने वालों में कुछ प्रेमी जोड़े और कॉलेज व स्कूल के छात्र या प्रेमी जोड़े भी शामिल होते हैं। कुछ लोग परिवार से छिपकर और लोगों की नजरों से बचकर इस जंगल को सुरक्षित मानकर वहां जाते थे। लेकिन डायना के मुखबिर हर जगह छुपे हुए थे, जो उसे वहां आने वाले लोगों की खबर देते थे।
मारपीट, लूटपाट और आपत्तिजनक वीडियो की खबर मिलते ही डायना अपने गैंग के साथ वहां पहुंच जाता था। वह कभी पुलिसकर्मी तो कभी वन विभाग का अधिकारी बनकर वहां आने वालों से सवाल जवाब करता था। वह उन्हें मारता-पीटता और लूटपाट करता था। इतना ही नहीं, वह वहां आने वाले जोड़ों और प्रेमी जोड़ों से सख्ती से पूछताछ करता था। ऐसे में उन लोगों को मतभेद खुलने का डर रहता था और डायना मौके का फायदा उठाता था। पहले वह लड़के को बंधक बनाकर उसका वीडियो बनाता था। फिर वह लड़के के साथ वहां जाने वाली लड़की से छेड़छाड़ करता था। वह कुछ लड़कियों के साथ बलात्कार भी करता था और उनके आपत्तिजनक वीडियो भी बनाता था।
डायना उर्फ दयानंद उर्फ देवेन्द्र निषाद का असली खेल
डायना उर्फ दयानंद उर्फ देवेन्द्र निषाद का असली खेल यानी ब्लैकमेलिंग था। वह प्रेमियों का वीडियो बनाकर ब्लैकमेल करता था। वह उनका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल करने की धमकी देता और उनसे पैसे ऐंठता था। सूत्रों के मुताबिक, वह यह काम पिछले पंद्रह साल से कर रहा था। बड़ी संख्या में मासूम लोग इसके शिकार बने हैं, जो शायद शर्म के डर से अपने साथ हुए जुल्म को बुरे सपने की तरह भूलने की कोशिश कर रहे होंगे।
ऐसे सामने आया डायना का काला कारनामा
जंगल में जोड़ों को पकड़कर डायना खुद को पुलिस या वन विभाग का अधिकारी बताकर लोगों को धमकाते था। फिर उनसे पैसे वसूलने की कोशिश करता था। इसी कड़ी में कुछ दिन पहले उसी जंगल में एक अधेड़ उम्र का व्यक्ति अपनी महिला मित्र के साथ समय बिताने आया था। तभी डायना की नजर उस पर पड़ी और उसने अपने आपराधिक मोड में आ गया।
अपनी एक गलती से फंसी डायना ने उस आदमी से संपर्क किया और वही किया जिसके लिए वह कुख्यात था। कुल मिलाकर दस हजार में वह उस आदमी और उसकी महिला मित्र को छोड़ने को तैयार हो गई। लेकिन इस दौरान डायना से एक बड़ी गलती हो गई। दरअसल, उसने पीड़िता से ब्लैकमेलिंग के पैसे ऑनलाइन लिए थे। यहीं पर उसने अपने अपराध का सुराग छोड़ा। बस पुलिस उसके ऐसी गलती करने का इंतजार कर रही थी। फिर पुलिस निगरानी और मुखबिर नेटवर्क के माध्यम से डायना को आसानी से ट्रैक किया गया और गिरफ्तार कर लिया गया। अब उसे सलाखों के पीछे भेज दिया गया है।
जंगल के पास डायना का आलीशान घर
डायना का गांव जंगल से सटा हुआ है। इस प्रकार वह जंगल के बारे में सब कुछ जानता था। वह अपने गांव वालों के लिए किसी मसीहा से कम नहीं था। कुछ लोगों का कहना है कि वह अपने गांव में कोई गलत काम नहीं करता था। गांव में उसका बहुत अच्छा घर है। सूत्रों के मुताबिक, उसकी दो पत्नियां भी हैं। इसके बावजूद वह अपने सहयोगियों के साथ मिलकर इस गलत काम को अंजाम देने के लिए एक सिंडिकेट बनाता था।
वर्ष 2007 में दर्ज हुआ था पहला मामला
डायना यह गलत काम कब से कर रहा था, यह बताना मुश्किल होगा क्योंकि उसके खिलाफ पहला मामला वर्ष 2007 में दर्ज किया गया था। यह लकड़ी तस्करी का मामला था। इसके बाद लगातार साल दर साल उन पर कई मुकदमे दर्ज होते रहे जिनमें लूट, डकैती और डकैती जैसे मामले मुख्य रूप से शामिल थे। अब डायना को डकैती के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है।
मेडिकल जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
जब डायना को पुलिस ने जबरन वसूली और ब्लैकमेलिंग के आरोप में गिरफ्तार किया था, तो कानूनी प्रक्रिया के तहत जेल भेजने से पहले उसकी मेडिकल जांच की गई थी। दो दिन बाद पुलिस को उसकी रिपोर्ट मिली, जो काफी चौंकाने वाली थी। दरअसल, डायना एचआईवी पॉजिटिव पाई गई थी। इसके बाद जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया। अब उसे आइसोलेट कर अलग बैरक में रखा गया है जहां उसे किसी से मिलने की इजाजत नहीं है।
फर्जी पुलिसकर्मी बनकर करता था वारदात
इस मामले में गोरखपुर की एएसपी अंशिका वर्मा ने बताया कि वह कई सालों से इस वारदात में शामिल था। हाल ही में उसने फर्जी पुलिसकर्मी बनकर कुछ लोगों के साथ लूटपाट की थी, जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया। डायना ने अपराध की दुनिया में कई साल बिताए हैं। इससे उसका दिल बड़ा हो गया। पुलिस को डायना की गतिविधियों के बारे में पता था। वह अपने क्षेत्र का हिस्ट्रीशीटर भी रह चुका है। पुलिस इस बात से परेशान है कि किसी ने उसके खिलाफ शिकायत तक नहीं की। एक कड़वा सच यह है कि डायना के खिलाफ एक भी रेप का मामला दर्ज नहीं किया गया है। गिरफ्तारी के वक्त पुलिस ने उसके पास से एक फर्जी पुलिस आईडी कार्ड भी बरामद किया है। अब कानून ने उसे सजा दी, भले ही देर हो गई लेकिन ऊपर वाले ने खुद ही उसका हिसाब ले लिया, जिसकी वजह से अब वह एचआईवी पॉजिटिव है।