पुलिस विभाग के ‘ऑपरेशन शिकंजा’ के तहत पैरवी कर आरोपित के खिलाफ मुकर्रर कराई सजा
न्यूज़ डेस्क महराजगंज…(एडिटर अरुण वर्मा )
महराजगंज/उत्तर प्रदेश |
पुरन्दरपुर पुलिस ने साल 1989 में तहरीर के आधार पर तीन आरोपियों बुद्धिराम पुत्र फागू, शीश मोहम्मद पुत्र मुस्कीम और हमीमुद्दीन पुत्र यासीन के खिलाफ आईपीसी की धारा 382 और 411 के तहत केस दर्ज किया था। विवेचना के बाद चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई। जिसके बाद बताया जा रहा है कि जिले में चलाए जा रहे पुलिस विभाग के ‘ऑपरेशन शिकंजा’ के तहत पुलिस ने पैरवी करके आरोपित के खिलाफ सजा मुकर्रर कराई है। जिसमे महराजगंज की मा. सिविल कोर्ट ने अजीबो गरीब फैसला सुनाया है। कोर्ट ने 33 साल तक चले मुकदमे में दोषियों के खिलाफ़ फैसला देते हुए मात्र 1 दिन की सजा सुनाई। इसके साथ ही अदालत ने 15,00 रुपए का जुर्माना भी लगाया।
यह है पूरा मामला …
महराजगंज जनपद के पुरन्दरपुर थाना क्षेत्र का है। पुलिस कार्यालय की मीडिया सेल के मुताबिक पुरन्दरपुर पुलिस ने साल 1989 में तहरीर के आधार पर तीन आरोपियों बुद्धिराम पुत्र फागू, शीश मोहम्मद पुत्र मुस्कीम और हमीमुद्दीन पुत्र यासीन के खिलाफ आईपीसी की धारा 382 और 411 के तहत केस दर्ज किया था। विवेचना के बाद चार्जशीट न्यायालय में दाखिल की गई।
कोर्ट में ट्रायल के दौरान सुनवाई शुरू हुई। अभियोजन की तरफ से अरोपियों के खिलाफ सजा की मांग की गई। कोर्ट ने पत्रावली में दर्ज साक्ष्य और सबूत के आधार पर आरोपितों के खिलाफ 1 दिन की न्यायिक अभिरक्षा और 1500 रुपये जुर्माने से दंडित किया। साथ ही जुर्माना अदा न करने पर 10 दिन के अतिरिक्त कारावास से दंडित करने का फैसला सुनाया।
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