कप्तान रोहित शर्मा के लिए आसान नहीं होगा मुकाबला, परिस्थितियों से तालमेल बिठाना बना सफलता का मंत्र
बॉर्डर न्यूज़ लाइव, ब्रिजटाउन, बारबाडोस
इस विश्व कप में भारतीय टीम की सफलता का मंत्र अमेरिका और वेस्टइंडीज की परिस्थितियों से बेहतर तरीके से तालमेल बिठाना है। इंग्लैंड के खिलाफ सेमीफाइनल में 68 रन से जीत हासिल करने के बाद कप्तान रोहित शर्मा ने भी इस बात को स्वीकार किया।
फाइनल मुकाबला: भारत vs दक्षिण अफ्रीका
कप्तान रोहित शर्मा की टीम टी20 विश्व कप के फाइनल में आज दक्षिण अफ्रीका के सामने होगी। यह मैच बारबाडोस के केनसिंगटन ओवल में खेला जाएगा। 2007 की विजेता भारतीय टीम के पास 17 साल बाद फिर से टी20 विश्व चैंपियन बनने का मौका है। भारतीय टीम इंग्लैंड को 68 रन से हराकर फाइनल में पहुंची है। भारत और दक्षिण अफ्रीका, दोनों अब तक इस विश्व कप में अपराजेय हैं। भारतीय टीम का यह तीसरा टी20 विश्व कप फाइनल है। वहीं, दक्षिण अफ्रीका पहली बार किसी विश्व कप के फाइनल में पहुंचा है।
कप्तान रोहित शर्मा के लिए आसान नहीं होगा मुकाबला
रोहित शर्मा के लिए यह महामुकाबला मानसिक तौर पर आसान नहीं होगा। उनकी कप्तानी में भारत टेस्ट विश्व चैंपियनशिप और 2023 के वनडे विश्व कप का फाइनल खेल चुकी है, लेकिन उनकी टीम फाइनल की अंतिम बाधा पार नहीं कर पाई। रोहित की टीम को इसी अंतिम बाधा को पार करने का एक और मौका मिला है। यहां जीते तो करोड़ों क्रिकेट प्रेमियों के साथ अपने अंतिम टूर्नामेंट में कोचिंग कर रहे राहुल द्रविड़, खुद उनके और विराट कोहली के लिए यह विशेष तोहफा होगा। माना जा रहा है कि रोहित और विराट का भी यह अंतिम टी-20 विश्व कप हो सकता है।
अब तक अपराजेय हैं दोनों टीमें
यह फाइनल उन दो टीमों के बीच है, जो अब तक टूर्नामेंट में अपराजेय हैं। भारत ने सात मैच जीते हैं और एक मैच उसका बारिश में धुला है, जबकि दक्षिण अफ्रीका लगातार आठ मैच जीतकर फाइनल में पहुंचा है। दक्षिण अफ्रीका के लिए भी यह फाइनल विशेष है, क्योंकि उनकी टीम पहली बार किसी विश्व कप के खिताबी मुकाबले में पहुंची है। वहीं, भारतीय टीम टी-20 विश्व कप का तीसरा फाइनल खेलेगी। अंतिम बार भारत 10 साल पहले 2014 में फाइनल में पहुंचा था, जहां उसे श्रीलंका से हार मिली थी।
केनसिंगटन ओवल की पिच और मौसम
केनसिंगटन ओवल की पिच शुरुआत में तेज गेंदबाजों को मदद देती है। उन्हें नई गेंद से स्विंग मिलता है। बाद में यह पिच बल्लेबाजों की मददगार बन जाती है। यहां अच्छी लाइन रखने वाले स्पिनर भी भूमिका निभाते आ रहे हैं। भारत ने इस विश्व कप में अफगानिस्तान के खिलाफ यहां एक मैच खेला है और 47 रन से जीत हासिल की थी। फाइनल पर भी बारिश का साया है। शनिवार को उष्णकटिबंधीय तूफान आने की उम्मीद है, हालांकि फाइनल के लिए रविवार सुरक्षित दिन निर्धारित किया गया है।
दक्षिण अफ्रीका की फॉर्म और प्रदर्शन
दक्षिण अफ्रीका की टीम 1998 के आईसीसी नॉकआउट टूर्नामेंट (अब चैंपियंस ट्रॉफी) को ही जीत पाई है। विश्व कप (टी-20 और वनडे) के सात सेमीफाइनल हारने के बाद टीम पहली बार फाइनल में है। स्पिनर केशव महाराज और तबरेज शम्सी ने अच्छा प्रदर्शन किया है। शम्सी ने अफगानिस्तान और वेस्टइंडीज के खिलाफ पिछले दो मैचों में तीन-तीन विकेट लिए हैं। क्विंटन डिकॉक खतरनाक हैं, और कप्तान मार्करम और क्लासेन ने भी महत्वपूर्ण पारियां खेली हैं। एनरिक नोत्र्जे फॉर्म में हैं और कगिसो रबादा के साथ मिलकर अच्छी गेंदबाजी कर रहे हैं।
टीमें:
भारत: रोहित शर्मा (कप्तान), ऋषभ पंत (विकेटकीपर), विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, हार्दिक पंड्या, रवींद्र जडेजा, शिवम दुबे, अक्षर पटेल, अर्शदीप सिंह, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह, युजवेंद्र चहल, संजू सैमसन, मोहम्मद सिराज, यशस्वी जयसवाल।
दक्षिण अफ्रीका: क्विंटन डिकॉक (विकेटकीपर), एडेन मार्करम (कप्तान), रीजा हेंड्रिक्स, ट्रिस्टन स्टब्स, हेनरिक क्लासेन, डेविड मिलर, मार्को यानसेन, केशव महाराज, कगिसो रबाडा, एनरिक नॉर्त्जे, तबरेज शम्सी, ओटनील बार्टमैन, गेराल्ड कोएत्जी, ब्योर्न फोर्टुइन, रयान रिकेलटन।