क्या आरोपी को फिर मिल जाएगी वही तैनाती? सवालों के घेरे में शिक्षा विभाग की कार्यशैली
बॉर्डर न्यूज़ लाइव, महराजगंज
दो स्कूल, एक जैसी योजना और अनियमितता, लेकिन कार्रवाई दो अलग-अलग मापदंडों पर आखिर क्यों?
महराजगंज जिले में मिड डे मील योजना के तहत हुई वित्तीय अनियमितताओं में शिक्षा विभाग की दोहरी कार्यशैली सामने आई है, जो न केवल प्रशासनिक पारदर्शिता पर सवाल खड़े करती है, बल्कि आरोपी शिक्षक की संभावित पुनः तैनाती को लेकर गंभीर चिंताएं भी पैदा कर रही है।
निचलौल ब्लॉक स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय सड़कहवा में मिड डे मील के बजट में गंभीर वित्तीय गड़बड़ी पाई गई थी। विभागीय आदेश दिनांक 13.01.2025 के अनुसार, तत्कालीन प्रभारी प्रधानाध्यापक को निलंबित कर किशुनपुर ग्रामसभा के टोला सोबड़ा से संबद्ध किया गया, जबकि उनकी जगह बोदना स्थित स्कूल से सहायक अध्यापक को स्थानांतरित कर तैनाती दी गई।
जांच में यह स्पष्ट हुआ कि कोरोना काल के दौरान विद्यालय में प्राप्त मध्याह्न भोजन मद की धनराशि का न कोई रिकॉर्ड रखा गया, न रजिस्टर में प्रविष्टि की गई और न ही समय से उच्च अधिकारियों को सूचना दी गई। इतना ही नहीं, शासन की निधि को विद्यालय के बजाय निजी खाते में स्थानांतरित किया गया, जो उत्तर प्रदेश सरकारी सेवक नियमावली 1999 के नियम-3 के तहत घोर कदाचार की श्रेणी में आता है।
परंतु आश्चर्यजनक रूप से ऐसे गंभीर कृत्य पर महज निलंबन कर शिक्षा विभाग ने अपनी जिम्मेदारी समाप्त कर दी। एफआईआर दर्ज नहीं की गई, न ही किसी प्रकार की पुलिस या विधिक कार्रवाई की गई। इसके उलट, चर्चाएं तेज़ हैं कि उक्त प्रधानाध्यापक को एक बार फिर उसी विद्यालय में बहाल करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जो पूरे मामले की गंभीरता को हास्यास्पद बना देता है।
वहीं, फरेंदा विकासखंड के एमएस लारी इस्लामिया जूनियर हाईस्कूल में गबन के आरोप पर प्रधानाध्यापिका आशमा खातून और अभिभावक संघ अध्यक्ष निशार अहमद के खिलाफ आईपीसी की धाराओं में एफआईआर दर्ज करवाई गई।
इस तरह एक ओर कार्रवाई में कानूनी सख्ती है, तो दूसरी ओर पूर्व माध्यमिक विद्यालय सड़कहवा अनियमितता पर मात्र निलंबन और संभावित पुनः तैनाती की छूट।
क्या शिक्षा विभाग का रवैया चेहरा देखकर कार्रवाई करने वाला हो गया है?
क्या विभागीय अनुशासन प्रभावशाली या रसूखदार शिक्षकों को बचाने के लिए केवल औपचारिकता निभा रहा है?
यदि शासन की मंशा पारदर्शिता और जवाबदेही है, तो फिर सड़कहवा विद्यालय मामले में भी एफआईआर और विधिक कार्यवाही आवश्यक है।
अन्यथा इससे यही संदेश जाएगा कि सरकारी योजनाओं की लूट को न केवल संरक्षण दिया जा रहा है, बल्कि अनियमितता करने वालों को पुनः वही ज़िम्मेदारियां सौंपकर प्रोत्साहित भी किया जा रहा है।
2 Comments
zrB iAKHYo Qrq nyqInga
Access ChatGPT, Claude, Gemini Pro , Kling AI, LLaMA, Mistral, DALL.E, LLaMa & more—all from a single dashboard.
No subscriptions or no monthly fees—pay once and enjoy lifetime access.
Automatically switch between AI models based on task requirements.
And much more … hamsterkombat.expert/AIIntelliKit