बॉर्डर न्यूज़ लाइव, लखनऊ/उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा डीजीपी प्रशांत कुमार के नेतृत्व में शुरू किए गए ‘ऑपरेशन कनविक्शन’ अभियान ने अपराधियों को सख्त सजा दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। यह अभियान 1 जनवरी 2023 से शुरू किया गया था और 13 महीने तक प्रभावी रूप से चलाया गया। इस दौरान वैज्ञानिक साक्ष्यों और प्रभावी पैरवी के माध्यम से 50,000 से अधिक अभियुक्तों को सजा सुनाई गई। इस अभियान का उद्देश्य अपराधियों को त्वरित सजा दिलाना था, जिसमें अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तारी पर विशेष ध्यान दिया गया।
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि अभियान में माफिया, महिलाओं और बच्चों से जुड़े अपराध, हत्या, लूट, और धर्मांतरण जैसे गंभीर अपराधों पर विशेष ध्यान दिया गया। एडीजी क्राइम को इस अभियान का नोडल अधिकारी बनाया गया था, और उनकी निगरानी में ‘इन्वेस्टीगेशन, प्रॉसिक्यूशन और कनविक्शन’ नामक एक पोर्टल का उपयोग किया गया। जिलों से रोजाना प्रगति की रिपोर्ट पोर्टल पर फीड की जाती थी, जिसे डीजीपी प्रशांत कुमार द्वारा प्रतिदिन मॉनिटर किया जाता था।
87 माफिया को सजा, 44 को फांसी
अभियान के तहत अब तक 87 माफिया, पोक्सो और महिला सुरक्षा मामलों में 6944 अभियुक्त, हत्या और लूट जैसे गंभीर अपराधों में 15,541 अभियुक्त, और अन्य अपराधों में 27,438 अभियुक्तों को सजा सुनाई गई है। इन मामलों में 44 अपराधियों को फांसी की सजा दी गई, जबकि 4,000 से अधिक को आजीवन कारावास मिला है। 1 जुलाई 2023 से 9 सितंबर 2024 के बीच 72,815 प्रकरणों की जांच की गई, जिनमें से 36,375 अभियुक्तों को दोषी ठहराया गया।
‘ऑपरेशन कनविक्शन’ ने अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने और उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से अपने लक्ष्य को प्रभावी ढंग से पूरा किया है। यह अभियान आगे भी जारी रहेगा, ताकि समाज से अपराधियों का