स्मार्ट मीटर की शिकायतों पर आयोग ने पूछा – रिमोटली कनेक्शन-डिस्कनेक्शन क्यों नहीं हो रहा, बिलिंग पोर्टल में दिक्कतें क्यों?
बॉर्डर न्यूज़ लाइव, उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत नियामक आयोग (Uttar Pradesh State Regulatory Commission) ने उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन से वर्तमान और पुराने प्रीपेड स्मार्ट मीटर (Prepaid Smart Meter) की स्टेटस रिपोर्ट मांगी है। यह रिपोर्ट यूपी राज्य उपभोक्ता परिषद की याचिका के बाद मांगी गई है। आयोग ने पावर कॉर्पोरेशन से स्पष्ट रूप से पूछा है कि स्मार्ट मीटरों को रिमोटली कनेक्ट और डिस्कनेक्ट किया जाना चाहिए, लेकिन मैनुअली काम करने की शिकायतें क्यों आ रही हैं?
RDSS योजना के तहत लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों को बिलिंग RMS पोर्टल से इंटीग्रेटेड करने में भी दिक्कतें आ रही हैं। नियामक आयोग के नियमों के अनुसार, बिजली बकाया के भुगतान के दो घंटे के भीतर बिजली कनेक्शन दोबारा जुड़ जाना चाहिए, लेकिन यह प्रक्रिया घंटों तक पूरी नहीं हो रही है, जिससे उपभोक्ताओं में असंतोष है।
हर महीने विद्युत आयात रिपोर्ट की मांग:
नियामक आयोग ने पावर कॉर्पोरेशन को निर्देश दिया है कि वे एनर्जी एफिशिएंसी सर्विसेज लिमिटेड (EESL) के तहत लगाए गए और RDSS योजना के तहत लगाए जा रहे स्मार्ट मीटरों के मानकों पर हर महीने विद्युत आयात की रिपोर्ट पेश करें। प्रदेश में पुराने 2जी और 3जी तकनीकी वाले करीब 12 लाख मीटर और RDSS योजना के तहत लगाए जा रहे 27 हजार करोड़ रुपये के मीटरों पर भी रिपोर्ट तलब की गई है।